गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज में शुक्रवार को पुलिस ने महंगे रेडियोएक्टिव कैलिफोर्नियम को जब्त किया था। इसकी एक ग्राम की कीमत 17 करोड़ रुपए बताई थी। पुलिस ने 50 ग्राम कैलिफोर्नियम बरामद किया था। इसकी कीमत 850 करोड़ रुपए बताई जा रही है। कैलिफोर्नियम मिलने के बाद मुंबई से भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की टीम शनिवार देर रात गोपालगंज पहुंची। जिसके बाद टीम में शामिल सदस्यों ने कैलिफोर्नियम की जांच शुरू कर दी है। तस्करों ने पुलिस को बताया है कि यह पदार्थ कैलिफोर्नियम है। तस्करों के पास से इससे जुड़ा सर्टिफिकेट भी मिला है। जिसे आधार बनाकर पुलिस उसे कैलिफोर्नियम मान कर ही जांच में जुट गई थी। हालांकि आईआईटी मद्रास से जारी सर्टिफिकेट में जिस प्रोफेसर का नाम है उनसे पुलिस ने संपर्क किया तो प्रोफेसर ने इसे फेक बताया था। अनुमान लगाया जा रहा है कि टीम जल्द ही कैलिफोर्नियम की जांच कर मामले का खुलासा करेगी कि बरामद कैलिफोर्नियम असली है या नकली। शुक्रवार को संदिग्ध कैलिफोर्नियम के साथ गिरफ्तार तस्करों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि रेडियोएक्टिव मटेरियल को यूपी के कुशीनगर से सीवान ले जाया जा रहा था। जहां सीवान जेल में बंद एक अपराधी के माध्यम से इसकी बिक्री की जानी थी।
पुलिस ने रेडियोएक्टिव पदार्थ की हैंडलिंग और आगे की जांच के लिए एफएसएल की विशेष टीम को बुलाया है। गोपालगंज पुलिस ने उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हाइवे 27 पर शुक्रवार सुबह कुचायकोट थाना क्षेत्र के बलथरी चेकपोस्ट पर वाहन जांच के दौरान संदिग्ध रेडियो एक्टिव पदार्थ बरामद किया गया था। साथ ही तीन लोगों को गिरफ्तार कर शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पहला आरोपी कुशीनगर तमकुही राज जिले के परसौनी क्षेत्र के बुजुर्ग गांव का निवासी है। दूसरा गोपालगंज के वार्ड नंबर 22 थावे रोड कौशल्या चौक का निवासी चंदन गुप्ता है। तीसरा महम्मदपुर थाना क्षेत्र के कुशहर मठिया गांव का रहने वाला है। इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों को नामजद आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज की है। हालांकि चौथा आरोपी अभी गिरफ्त में नहीं आया है। पुलिस उसे गिरफ्तारी के लिए गुजरात गई है। पुलिस उसकी लोकेशन भी ट्रेस कर रही है।
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