मुंबई। कहते हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति शरद पवार का कोई तोड़ नहीं है। उन्होंने कई उतार चढ़ाव देखे,विरोधी हवाओं का सामना किया। लेकिन वो राजनीति की चौपाल पर टिके रहे। उनका एक बयान आता तो मायने निकलने लगते हैं। हाल ही मैं उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे पास भी संघ की तरह का काडर होना चाहिए। पवार के इस बयान को लेकर भी चर्चा होने लगी है कि आखिर मामला क्या है। बता दें बीएमसी यानी बृह्नमुंबई महानगरपालिका के चुनाव की चर्चाएं हैं। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि मुंबई के स्थानीय चुनाव में इंडिया गठबंधन बिखर सकता है। शिवसेना यूबीटी ने चुनाव में अकेले ही उतरने के संकेत दिए हैं। हालांकि, इसे लेकर पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
इसके कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री फडणवीस गढ़चिरौली जिले के दौर पर गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, सुले ने कहा था, देवेंद्र फडणवीस पहले दिन से ही ऐक्शन में हैं। ऐसा लगता है कि वह एकमात्र हैं, जो सक्रिय होकर काम कर रहे हैं। कोई और मंत्री एक्टिव नहीं है। उन्होंने कहा, पूर्व गृहमंत्री और एनसीपी नेता आरआर पाटिल ने गढ़चिरौली जिले की जिम्मेदारी उठाई थी। यह देखकर अच्छा लगा कि फडणवीस जिले में विकास की प्रक्रिया को जारी रख रहे हैं। वह एकमात्र हैं, जो गंभीरता से काम कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के वरिष्ठ राजनेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) प्रमुख शरद पवार अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तारीफ कर रहे हैं। इतना ही नहीं उनका कहना है कि एक काडर ऐसी ही हमारे पास भी होना चाहिए। खास बात है कि कुछ दिन पहले ही उनकी बेटी और बारामती सांसद सुप्रिया सुले राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सराहना करती नजर आई थीं। दक्षिण मुंबई में एक सभा में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पास प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हैं जो हिंदुत्व संगठन की विचारधारा के प्रति अटूट निष्ठा दिखाते हैं और किसी भी कीमत पर अपने मार्ग से विचलित नहीं होते। पवार ने कहा, हमारे पास भी ऐसा काडर आधार होना चाहिए जो छत्रपति शाहू महाराज, महात्मा फुले, बीआर आंबेडकर और यशवंतराव चव्हाण की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध हो।
उन्होंने महाराष्ट्र में नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की करारी हार के बारे में कहा, लोकसभा चुनाव में सफलता के बाद हम लापरवाह हो गए थे, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन (भाजपा नीत महायुति) ने संसदीय चुनावों में अपनी हार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए। सीनियर पवार की तरफ से बयान ऐसे समय पर आया है, जब पवार परिवार में फिर सुलह होने की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। साथ ही बीते साल एमवीए यानी महाविकास अघाड़ी को विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। राकंपा एसपी को चुनाव में 10 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि, एमवीए के दल कांग्रेस को 16 और शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) ने 20 सीटें हासिल की थीं। इधर, भारतीय जनता पार्टी 132, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली थीं।
मामला क्या है? पहले सुप्रिया ने फडणवीस की तारीफ की, फिर शरद पवार ने संघ के पढ़े कसीदे
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