सिंहभूम: सिंहभूम जिले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने नक्सलवाद से जुड़े एक मामले में बड़े पैमाने पर छापेमारी की है. यह कार्रवाई नक्सल संगठन भाकपा (माओवादी) से जुड़े मामलों में की गई. जिसमें कई स्थानों पर आपत्तिजनक सामग्री और धन की बरामदगी की गई है. रविवार को जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि NIA ने शनिवार को नौ स्थानों पर छापेमारी की है जिसमे नकदी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ समेत मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड जैसी वस्तुएं बरामद की गई हैं.
छापेमारी में बरामद सामग्रियां
NIA द्वारा किए गए इस ऑपरेशन में 10,50,000 रुपये की नकदी, एक वॉकी-टॉकी, एक सैमसंग टैबलेट, एक पावर बैंक, एक रेडियो सेट, एक लेवी वसूली रसीद और जिलेटिन की छड़े बरामद की गईं. इन सामग्रियों को झारखंड के हुसिपी और राजभासा गांवों के बीच स्थित जंगलों में छिपाकर रखा गया था, और ये सभी वस्तुएं आरोपी राजेश देवगम के खुलासे के बाद बरामद की गईं. इन सामग्रियों में कुछ चीजें CPI (माओवादी) के सदस्य मिसिर बेसरा से जुड़ी हुई थीं, जिनके पास से कुछ व्यक्तिगत सामान जैसे ‘नेक बैंड’, टाइटन चश्मा और अन्य वस्तुएं मिलीं.
NIA जांच की शुरुआत
मामला मार्च 2024 में झारखंड के चाईबासा जिले के टोंटो पुलिस थाने में दर्ज हुआ था. इस मामले में 5 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जो माओवादी गतिविधियों में शामिल थे. बाद में जुलाई में NIA ने मामले की जांच शुरू की और सख्त कार्रवाई की योजना बनाई. NIA का मानना है कि इन सामग्रियों का उपयोग माओवादी संगठन द्वारा वित्तीय लेन-देन और अवैध कार्यों में किया जा रहा था.
माओवादी नेटवर्क को समाप्त करने की योजना
इस छापेमारी से यह स्पष्ट है कि NIA नक्सलवाद और आतंकवाद से जुड़े मामलों में कठोर कार्रवाई कर रही है और इन अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है. NIA ने अपने अभियान में यह संदेश दिया है कि माओवादी नेटवर्क को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए वह किसी भी हद तक जाएगी. इसके साथ ही यह कार्रवाई यह भी दर्शाती है कि सुरक्षा एजेंसियां अब अधिक चौकस और तैयार हैं, ताकि नक्सलवादी गतिविधियों को पहले से ही रोका जा सके.