जालंधर। पहाड़ों में हुई बर्फबारी की वजह से मैदानी क्षेत्रों में निरंतर शीतलहर चल रही है। इस वजह से पूरा दिन लोग ठिठुर रहे हैं। कई क्षेत्रों में सुबह धुंध भी पड़ने लग पड़ी है।
सुबह के समय सूर्योदय के साथ ही मौसम पूरी तरह से साफ होने लगा, मगर ठंडी हवाएं निरंतर जारी रहीं। जालंधर का न्यूनतम तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि अधिकतम तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
20 दिसंबर तक जारी रहेगी शीतलहर
राज्यभर के कुछ-कुछ हिस्सों में 20 दिसंबर तक शीतलहर जारी रहने की संभावना है। सोमवार को जिला फरीदकोट सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान एक डिग्री से भी कम 0.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।जिला फाजिल्का का न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस सेल्सियस रहा।
चौबीस घंटों के दौरान राज्य का अधिकतम तापमान में 0.1 डिग्री सेल्सियस बढ़ा जो राज्य में सामान्य रहा है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. दलजीत सिंह का कहना है कि आने वाले दिनों में शीतलहर चलेगी। दिसंबर के मध्य तक सर्दी ने जोर पकड़ लिया है। हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी साफ दिख रहा है।
शीतलहर ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है, साथ ही कोहरे की संभावना भी जताई है। हालांकि, फिलहाल बारिश के कोई संकेत नहीं हैं, जिससे दिसंबर का महीना शुष्क ही रहेगा।
बठिंडा 3 डिग्री पहुंचा न्यूनतम तापमान
बठिंडा में सोमवार को न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री और अधिकतम 22.8 डिग्री दर्ज किया गया। यह स्थिति सामान्य से काफी नीचे है। दूसरी तरफ अभी धुंध नहीं पड़ रही है। वहीं, 1992 से 2020 तक सिर्फ पांच बार ऐसे हालात बने जब आठ या इससे ज्यादा दिन बेहद ठंडे से गंभीर स्तर तक ठंडे रहे।
जबकि 2003 के दिसंबर में ठंडे दिनों की संख्या 9, 2014 में आठ व 2019 में 11 दिन इस स्तर की ठंड पड़ी तो 1997 में 17 दिन बेहद व गंभीर स्तर तक ठंडे थे। मौसम विभाग के मुताबिक अगर अधिकतम तापमान 10 डिग्री से कम या सामान्य से 4.5 से 6.5 डिग्री कम हो तो यह कोल्ड डे कहलाता है। अगर अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री से अधिक कम हो तो इसे सीवियर कोल्ड कहते हैं।