रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बस्तर प्रवास के दूसरे दिन अमर वाटिका में नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों और नक्सली हिंसा से पीड़ित नागरिकों के परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और केंद्र व राज्य सरकारें उनके परिजनों के साथ मजबूती से खड़ी हैं। शाह ने विश्वास दिलाया कि मां दंतेश्वरी की पावन धरती से नक्सलवाद को पूर्णतः समाप्त कर दिया जाएगा। गृह मंत्री शाह ने नक्सलवाद के खात्मे के लिए केंद्र सरकार की रणनीति को साझा करते हुए कहा कि सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस के जवान नक्सल मोर्चे पर सशक्त होकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में सटीक रणनीति से नक्सल गतिविधियों का दायरा सिमटा है और विकास कार्यों को गति दी जा रही है। नक्सलियों के आत्मसमर्पण का स्वागत करते हुए शाह ने स्पष्ट किया कि हिंसा के रास्ते पर चलने वालों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा।
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार की पहल की सराहना करते हुए कहा कि शहीदों के परिजनों की समस्याओं को सुनने के लिए पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में सप्ताह में एक दिन निर्धारित किया गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि इन बैठकों में कलेक्टर भी शामिल हों, ताकि परिजनों को बेहतर सहयोग मिल सके।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि शहीद जवानों की स्मृतियों को सहेजने के लिए उनके गांवों में उनकी प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। साय ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर पीड़ित परिवारों के हितों का ध्यान रखेंगी। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने शहीदों और हिंसा से पीड़ित परिवारों से मुलाकात के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह दुख हम सभी के लिए समान है और सरकार आपके साथ खड़ी है। इस अवसर पर शहीद जवानों के परिजन और नक्सली हिंसा के पीड़ित नागरिक उपस्थित थे। अमित शाह और राज्य के नेताओं की यह पहल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापना और विकास को गति देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
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