नई दिल्ली। वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में अपना पहला भाषण देते हुए कहा कि अतीत में क्या हुआ और नेहरू जी ने क्या किया? अरे आपने क्या किया यह बताइए। सारी जिम्मेदारी नेहरू जी की है क्या। प्रियंका शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर चर्चा में हिस्सा ले रहीं थीं, जब उन्होंने यह कहा।
सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि भारत हजारों साल पुरानी संवाद और चर्चाओं की परंपरा वाला देश है। हमारी भारतीय संस्कृति में वाद-विवाद और संवाद की गहरी जड़ें समाई हुई हैं, जो अलग-अलग धर्मों और समाजों में भी साफ नजर आती हैं। इन्हीं परंपराओं से प्रेरित होकर स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ था, जो अहिंसा और सत्य पर आधारित रहा। स्वतंत्रता आंदोलन लोकतांत्रिक था, जिसमें हर वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया। इसी संघर्ष से उभरी थी एक सामूहिक आवाज, जिसने हमारे भारतीय संविधान का रूप लिया। हमारा संविधान महज दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह न्याय, अभिव्यक्ति और आकांक्षाओं का दीपक है। इसी दौरान प्रियंका ने भाजपा पर निशाना साधाते हुए कहा कि अतीत में क्या हुआ, नेहरू ने क्या किया। अरे अब आपने क्या किया यह तो बताइए, क्या सारी जिम्मेदारी बस नेहरू जी की ही है।
चर्चा में हिस्सा ले रहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान हमारे देशवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करता है। यह न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण करने वाला संविधान है, लेकिन सत्ताधारी दल इस सुरक्षा कवच को पिछले 10 वर्षों से तोड़ने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि यदि बीते चुनाव के नतीजे कुछ और होते, तो संभव होता कि संविधान बदलने का काम भी शुरू हो जाता, लेकिन जनता ने इस पर रोक लगा दी है।
संसद में अपने पहले भाषण में प्रियंका ने कहा कि वर्तमान सरकार अतीत पर तो चर्चा करती है, लेकिन वर्तमान की जिम्मेदारियों से बचती और भागती है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं का समाधान करे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान, मजदूर और गरीब वर्ग आज भी संकट में है। आज हिमाचल के किसानों से लेकर वायनाड और ललितपुर तक का किसान अपनी समस्याओं से जूझ रहा है। पर इससे क्या क्योंकि यह सरकार तो उद्योगपतियों पर ध्यान देती है। इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने जातिगत जनगणना की आवश्यकता पर भी जोर दिया और महिला आरक्षण बिल का सवाल भी उठाया।
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