बिलासपुर। निगम आयुक्त अमित कुमार ने बिना लिखित परमिशन और कारणों के मिशन अस्पताल में प्रवेश पर रोक लगा दिया है। आशय की नोटिस जारी करते हुए निगम कमिश्नर ने फरमान सुनाया है कि अस्पताल भवन खतरनाक स्थिति में है। किसी भी स्थिति में लोगों का प्रवेश वर्जित किया जाता है। बिना परमिशन के किसी भी व्यक्ति को प्रवेश करना अपराध माना जाएगा। परमिशन की स्थिति में कारण भी बताना होगा। जानकारी देते चलें कि साल 1914 में ईदगाह चौक और सिम्स अस्पताल के बीच स्थित मिशन अस्पताल का लीज खत्म हो गया है। मामले में पिछले कुछ महीने पहले ही मिशन अस्पताल पर कब्जे को लेकर तहसीलदार,जिला प्रशासन समेत कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई हुई। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। अन्तत: कोर्ट ने मिशन अस्पताल पर प्रशासन को कब्जा का अधिकार दिया। सूचना हो कि इस दौरान जिला प्रशासन के निर्देश पर अस्पताल में सीसीटीवी लगाया गया। कुछ उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस थाना में अपराध भी दर्ज हुआ।बावजूद इसके लोगों का मिशन अस्पताल में निगम की बिना जानकारी में आना जाना बना रहा। बुधवार को निगम आयुक्त ने एक आदेश जारी किया है। आदेश में बताया गया है कि अस्पताल की स्थिति भयप्रद है। इस बात को ध्यान में रखते हुए नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 धारा 310 की उपधारा 3 के तहत अस्पताल बिना अनुमति प्रवेश वर्जित है। यदि कोई व्यक्ति प्रवेश करना चाहता है तो इसके लिए कमिश्नर कार्यालय से अनुमति लेना होगा। अनुमति लेने के दौरान व्यक्ति को मिशन अस्पताल में प्रवेश का पर्याप्त कारण भी बताना होगा। निर्देशों का उल्लंघन की स्थिति में नियमानुसार दण्डात्मक कार्रवाई भी होगी। भवन शाखा प्रभारी सुरेश शर्मा ने बताया कि देर शाम मिशन अस्पताल में कमिश्नर आदेश को चस्पा किया गया है। साथ ही नोटिस जारी कर लोगों को भवन की जर्जर स्थित से आगाह भी किया गया है।
मिशन अस्पताल में प्रवेश वर्जित, परमिशन के लिए बताना होगा कारण- निगम आयुक्त
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